भारत में हर साल लाखों परीक्षा होती है परंतु यूपीएससी की परीक्षा सबसे मुख्य है। यह बहुत ही कठिन परीक्षा होती है। ज़रूरी नहीं कि इस परीक्षा में सफलता एक ही बार में मिल जाए। इसके लिए कैंडिडेट सालों प्रयास करते हैं, तब कहीं जा कर कामयाबी उनके हाथ लगती हैं। आज हम एक ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे जिन्होंने अपने पहले ही अटेम्पट में यूपीएससी क्लीयर कर लिया।
प्रियांक किशोर (Priyank Kishore)
साल 2018 में प्रियांक ने यूपीएससी का पहला अटेम्पट दिया और पहले ही बार में सेलेक्ट भी हो गए। प्रियांक 274 रैंक के साथ पास हुए तो इन्हें इंडियन एकाउंट और ऑडिट सर्विस एलॉट हुई। परंतु प्रियांक अपने इस रैंक से खुश नहीं थे। इन्होंने साल 2019 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार 61वीं रैंक के साथ परीक्षा पास करने में सफल हुए।

प्रियांक कहते हैं कि ओवर-काफिडेंट नहीं होना चाहिए
प्रियांक बताते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए कांफिडेंट होना बहुत जरूरी हैं। जब 2018 में प्रियांक 274 रैंक के साथ पास हुए तो इन्होंने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और फिर से कोशिश की। अपनी सफलता से इन्हें प्रेरणा मिली कि दुबारा से प्रयास कर वह और बेहतर रैंक ला सकते हैं। थोड़ा और मेहनत कर वह अच्छे रिजल्ट की तैयारी में लग गए। परिणाम हम सबके सामने है। प्रियांक दूसरों को सलाह देते हुए कहते हैं कि कांफिडेंट होना अच्छी बात हैं परंतु ओवर-काफिडेंट नहीं होना चाहिए।
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यूपीएससी की परीक्षा में प्री की होती है बहुत ही अहम भूमिका
प्रियांक का मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा में प्री का बहुत ही अहम भूमिका है। इन्होंने 2018 का रिजल्ट आने के बाद बिना समय व्यर्थ किए प्री की तैयारी में जुट गए। प्रियांक ने इसके लिए प्रैक्टिस टेस्ट भी सॉल्व किया ताकि वह अपनी गलतियां जान सकें और उन्हें सुधार सकें। उनका प्री का मॉक टेस्ट बहुत अच्छा हुआ और उन्हें पूरा विश्वास था कि वह इस साल और अच्छे रैंक से पास ज़रूर होंगे।

प्रियांक का ऑप्शनल में आया बहुत ही कम अंक
प्री देने के बाद प्रियांक मेन्स की तैयारी करने लगे। इन्होंने पिछले साल का स्कोरकार्ड देखा ताकि वह अपनी गलतियों को जान सकें और उसके हिसाब से तैयारी कर सकें। इससे उन्हें पता चला कि ऑप्शनल में उनका अच्छा अंक नहीं आया था। प्रियांक कहते हैं कि रैंक 274 से 61 पहुंचने में बहुत अंकों का अंतर नहीं था, मात्र 35 से 40 अंकों में यह अंतर पट गया था। उन्हें ऐसा लगता है कि अगर वह पहले अटेम्पट में ही ऑप्शनल की तैयारी अच्छे से किए होते तो उनका रैंक अच्छा आया होता।
प्रैक्टिस पेपर सॉल्व करना है बहुत जरूरी
प्रियांक पहले अटेम्पट में समय की कमी के चलते प्रैक्टिस पेपर सॉल्व नहीं किया, परंतु यह बहुत ही आवश्यक है। इन्होंने अपने दूसरे अटेम्पट में प्रैक्टिस पेपर सॉल्व किया। प्रियांक कहते हैं कि आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी हैं। इसके अलावा मॉक टेस्ट भी दें। आंसर को लिख कर प्रैक्टिस करना ना भूलें। इसके साथ ही पॉजिटिव रहना भी जरूरी हैं। अक्सर पॉजिटिव सोच का परिणाम भी पॉजिटिव ही आता है।

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प्रियांक को मिली सफलता
प्रियांक कहते हैं कि मॉक टेस्ट्स को हमेशा सीरियसली लेना चाहिए। इससे आप अपनी कमियों को इंप्रूव कर सकते हैं। मेन्स निकलने के बाद प्रियांक ने ट्रेनिंग ज्वॉइन कर ली थी पर इन्हें इस बात का पूरा यकीन था कि वह इसमें ज़रूर सफल होंगे। परिणाम आने के बाद वह साक्षात्कार की तैयारी में जुट गए। वह ट्रेनिंग के लिए शिमला चले गए जिसके वजह से वह इंटरव्यू की तैयारी नहीं कर पाए। प्रियांक ने पिछली बार की कमियों को दूर करने की कोशिश की और पॉजिटिव सोच के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर लिया।